मोबाइल फ़ोन से आप अपने दोस्तों से सीधे बात कर सकते हैं. पर अगर इसी मोबाइल फ़ोन पर आपको ऑनलाइन कुछ खरीदना हो तो आपको एक बिचौलिये की ज़रुरत पड़ती है जो विक्रेता को गारंटी दे पाए की आपने पैसे दे दिए हैं.
पर क्या ये मुमकिन है की एक क्रेता और विक्रेता आपस में सीधे समझौता कर लें, बिना किसी बिचौलिये की सहायता के?
ब्लॉकचैन नामक एक नयी टेक्नोलॉजी ऐसा मुमकिन कर रही है.
ब्लोकचेन को आप एक वितरित डेटाबेस यानि Distributed Database मान सकते हैं जो कि एक दो कम्प्यूटरों पर नहीं, हज़ारों लाखों कम्प्यूटरों पर प्रतिलिपित है. ब्लोकचेन का हर एक कंप्यूटर, हर एक रिकॉर्ड के पूरे इतिहास का वर्णन रखता है. यह डेटाबेस एन्क्रिप्टेड (encrypted) है, यानि हर एक रिकॉर्ड गोपनीय तरीके से दर्ज किया गया है. ब्लोकचेन फाल्ट-टोलेरंत (fault-tolerant) भी है, यानि अगर इस सिस्टम के कुछ कंप्यूटर ख़राब भी हो जाते हैं तब भी यह सिस्टम ठीक तरह से काम करता रहता है.
ब्लोकचेन डेटाबेस एक सार्वजनिक बहिखाता यानि Public Ledger है जिसमे कोई भी नये समझौते या रिकॉर्ड को दर्ज करने के लिए कई सारे साझेदारों कि स्वीकृति की ज़रुरत पड़ती है. इसको हैक (hack) करना बहुत मुश्किल है क्योंकि ऐसा करने के लिए हैकर को एक ही क्षण हज़ारों कम्प्यूटरों को साथ हैक करना पड़ेगा. यह कारण है कि हम ब्लोकचेन को एक सुरक्षित टेक्नोलॉजी मानते हैं.
ब्लोकचेन का पहला प्रयोग हुआ था २००८ में जब “बिट कॉइन” नामक नयी डिजिटल मुद्रा का आविष्कार हुआ. बिट कॉइन मुद्रा किसी देश, सरकार या बैंक द्वारा नियंत्रित मुद्रा नहीं है. यह एक डिजिटल मुद्रा है. अधिक जानकारी के लिए आप बिट कॉइन (Bit Coin) को गूगल कर सकते हैं.
केवल मुद्रा या पैसे सम्बंधित प्रयोजन के लिए ही नहीं, ब्लोकचेन का प्रयोग कहीं भी हो सकता है जहाँ पारम्परिक रूप से विश्वास, भरोसे या गारंटी के लिए एक बिचौलिये कि ज़रुरत है. जैसे वह सभी सौदे जिनकी आज नोटरी पब्लिक या किसी सरकारी संस्था को पुष्टि करनी पड़ती है.
मान लिया जाये कि आप एक मकान खरीद रहे हैं. आप चाहेंगे कि इस सौदे को सरकारी रजिस्ट्रार के यहाँ दर्ज़ किया जाये ताकि आपको एक सरकारी दस्तावेज मिले जो साबित करे कि आप उस मकान के कानूनन मालिक हैं. पब्लिक रजिस्ट्रार केवल इस सौदे का एक सबूत दे रहा है और ऐसी सम्भावना है कि भविष्य में पब्लिक रजिस्ट्रार का काम ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी कर दे क्योंकि उसमे दर्ज सौदे कि उतनी ही मान्यता होगी जितनी आज रजिस्ट्री सर्टिफिकेट की है. सार्वजनिक होने की वजह से इसमें घपले की सम्भावना भी कम होगी.
ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी के उपयोग के कई और संभावित उदाहरण हैं जैसे किसी सरकारी योजना के अंतर्गत यदि एक गरीब आदमी को कुछ वेतन मिलना हो तो ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी से उसको वह रकम सीधे उसके मोबाइल फ़ोन पर दी जा सकती है. या अगर किसी प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त लोगों को नुक्सान भरपायी करनी हो तो उनको सहायता राशि सीधे उनके मोबाइल फ़ोन पर दी जा सकती है. इससे भ्रष्टाचार भी कम होगा.
शिक्षा में भी ब्लोकचेन का इस्तेमाल हो सकता है. कागज़ी डिग्री के बदले छात्ररों को ब्लोकचेन आधारित डिग्री दी जा सकती है. इससे जाली डिग्री की समस्या का भी समाधान हो सकता है.
ब्लोकचेन उन टेक्नोलॉजी में एक है जो कि 21वीं सदी कि अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने की क्षमता रखती हैं. आपको ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी में क्या नया हो रहा है इसपर नज़र ज़रूर रखनी चाहिए.